आओ हम दिया जलाते है
अंधेरा घर-धरा पर धरा हुआ
मन संका मे डूबा हुआ
भय से चल चित झंझोर है
पर पूछता कोन है?
खामोश चितवन साथी बेठोगे कब तक
दिन उगने तक या कब तक?
आओ अंधेरा दूर भागने को
भय का प्रकोप हटाने को
मन संका मिटाने को
हर घर ह्रदय मिलाने को
आओ प्रेम की ज्वाला जलाते है
आओ हम दिया जलाते है
नशे मे मानव डूबा हुआ
नफरत का कुआ खुदा हुआ
नस नस मे रक्त सिकुड़ा हुआ
बुझो तो अड़ा हुआ
हर तरफ युक्ति खामोशी का शोर है
ये कैसा भारत दौर है?
आओ मानवता का पाठ पढ़ाने को
शांति लय लाने को
लोगो को जगाने को
अधर्म से भारत बचाने को
न्याय का दीप जलाने को
हम ज्ञान की ज्वाला जलाते है
आओ हम दिया जलाते है
हर घर का शोक मिटाने को
दिल ए जोश लाने को
युवा होश दिलाने को
प्रकृति सृष्टि बचाने को
आजाद बचपन लाने को
उज्ज्वल देश बनाने को
आओ हम मिलकर हाथ बढ़ाते है
एक नया दौर लाते है
उम्मीद का पेड़ उगाते है
रोशन करने को हर घर
हम मिलकर दिया जलाते है
आओ हम दिया जलाते है
आओ हम दिया जलाते है ||
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