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बेबसी


बेबसी

 

बेबसी इस क़दर

क्या बता दू तुम्हें

ईश्क ओर हुस्न पर

क्या लूटा दू तुम्हे

 

बेबसी इस कदर

क्या बता दू तुम्हे

 

होते रंग सोहबत

तो सज्जा देता मैं

मोहब्बत के रंग में

सज्जा रहा हूं तुम्हे 

 

खुशियां रूठ गई

इतना गम है यहां

फिर भीं ज़िंदगी ए जख्म

जी रहा हूं यहां

बेबसी इस कदर

क्या बता दू तुम्हे 

ईश्क ओर हुस्न पर

क्या लूटा दू तुम्हे

 

 रात के पहर में

ये हाँ कौन आ गया

उज्जला उज्जला सा रंग

साथ मे आ गया

ये तो तुम ही हो

क्या सज्जा दू तुम्हे

ईश्क ओर हुस्न पर

क्या लूटा दू तुम्हे

 

 

हों ना रंग चांद का

ऐसी उज्जली हो तुम

कर रही चांदनी 

एक तुम्हारी जुस्तजु

क्या सज्जा दू तुम्हें

कैसे सज्जा दू तुम्हें

बेबसी इस कदर

क्या बता तू तुम्हे

क्या बता तू तुम्हें

 

होता जो वीराँ समा 

तो दिखाता तुम्हे

बेबसी अपनी मै समझाता तुम्हे

जख्म ए दिल मरीज हूं

ये कैसे बता दूं तुम्हें

 इश्क ओर हुस्न पर

क्या लूटा दू मै

इश्क ओर हुस्न पर

क्या लूटा दू मै

क्या लूटा दू मैं

क्या लूटा दू मैं

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