कह दो
कह दो कुछ ऐसा इस शाम हमे
कि हम खिल उठे
मुस्कारा ले तुम्हारे होठों कि तरह
महक उठे रुह ए रवाँ कि तरह
ओर हो जाए रोशन इस चांदनी रात में इस तरह
की चमक उठे सितारों कि तरह !!!!
है ख्वाहिश हमारी
की आप सामने होते
बहार ए नजारे की तरह
तो जन्नत नसीब हो जाती हमे
फरिसतो की तरह!!
अगर अभी हों ना ये मुमकिन
तो कुछ ऐसा कह दो इस शाम हमे
कि हम खिल उठे
तुम्हारे होठों कि तरह
चमक उठे सितारों कि तरह .!!!!
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