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सावन


सावन

 

आया सावन झूम के मधुबन!

तुम सावन का ये माह देखो

खिलती कितनी कलिया इस माह में

तुम इस सावन में रास देखो

 

कोयल कुक रही गगन में

सुर रस से घुलता नील देखो

बादल लहराकर अभी नृत्य करेगा

अमृत रस से पर्वत नहाएगा

आया है सावन प्रेम का

तुम रास में डूबती कलिया देखो

मधुबन प्रकृति सौंदर्य देखो

 

रस बहाते मेघ आए

सौंदर्य का सन्देश लाए

भवरें गूंजने लगे कलियों पर

तरह-तरह से उन्हें रिझाए

देखो इनकी अठखेलियाँ देखो

मधुबन सावन अनोखा रूप देखो

प्रकृति सौंदर्य की धुप देखो

आश के उलझे प्रयास देखो

मधुबन तुम रास देखो

खिलती कितनी कलिया इस माह में

तुम सावन के इस माह देखो

आया सावन झूम के मधुबन!

तुम इस सावन में रास देखो |||

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